राहुल गांधी ने पत्र में लिखा था, 'अपने किसी अजीज को इस तरह की स्थिति में देखना आसान नहीं है। मैं जानता हूं कि आप दयालु हैं और समाज में आपने यश कमाया है। इसलिए मैं आपके परिवार के लिए इतना व्यापक समर्थन देख पा रहा हूं।'
भरी दुनिया में कोई भी नजर आता नहीं अपना
आँखों से समझ सको तो समझ लो, आंसू गिरे है कितने गिना नहीं सकता।।
क्योकिं अपने ही गैरो से बड़े घात लगाते जायेगे
हमने हौसले बुलंद शायरी तुम्हें उस दिन से और ज़्यादा चाहा है
उनके हीं सितारे चमकते हैं, जो मजबूरियों का रोना रोया नहीं करते
अपने आप में खुश रहना, और किसी से कोई उम्मीद ना करना!
लक्ष्य को पाने के लिए यदि हम तन, मन और धन लगा देते हैं,
जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए शायरी
कोई सुलह करा दे ज़िन्दगी सेआज बड़ी तलब लगी है मुस्कुराने की
जान जाओगे की हम मुस्कुराना क्यों भूल गए।
× वरना इस्पेंक्टर बन जाता! नकल करने का वो तरीका जो पहले कभी न सुना गया, न देखा
मैं संभलने लगा जब वह हद से गिरने लगी........!!
इक टूटी सी ज़िन्दगी को समेटने की चाहत थी